प्रदेश मंत्री डी.पी भारती जी ने बताया कि डॉ अम्बेडकर भवन नई दिल्ली "बुद्ध विहार" में स्थित भारत रत्न, संबिधान निर्माता, बोधिसत्व परम् पूज्य बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी की "पावन अस्थियों" को कृतज्ञ नमन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तथा यहां पर "स्टील के पन्नों में लिखित संबिधान" को देखकर बहुत ही सराहनीय अनुभव हुआ. यह संस्थान परम् पूज्य बाबा साहब के कर कमलों से 1951 में स्थापित हुआ था.
बता दे कि एक स्मारक अम्बेडकर के दिल्ली स्थित उनके घर 26 अलीपुर रोड में स्थापित किया गया है. अम्बेडकर जयंती पर सार्वजनिक अवकाश रखा जाता है. 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. हर साल २० लाख से अधिक लोग उनकी जयंती 14 अप्रैल, महापरिनिर्वाण यानी पुण्यतिथि (6 दिसम्बर) और धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 14 अक्टूबर को चैत्यभूमि (मुंबई), दीक्षा भूमि (नागपूर) तथा भीम जन्मभूमि (महू) में उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इकट्ठे होते हैं. यहाँ हजारों किताबों की दुकान स्थापित की गई हैं, और किताबें बेची जाती हैं. अम्बेडकर का उनके अनुयायियों को संदेश था- "शिक्षित बनो, संघटित बनो, संघर्ष करो".
नमों बुद्धाय - जय भीम