प्रदेश मंत्री डी.पी भारती जी ने बताया कि हाथरस - भाजपा जिला कार्यालय पर आयोजित "अनुसूचित जाति मोर्चा - जिला सम्मेलन" को संबोधित किया. इस अवसर पर माननीय विधायक गण, पार्टी व मोर्चा के पदाधिकारी गणों की गरिमामयी उपस्थिति रही.
गौरतलब है कि स्वतंत्रता के बाद संविधान सभा ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों की प्रचलित परिभाषा को जारी रखा, (अनुच्छेद 341 और 342 के माध्यम से) भारत के राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपालों को जातियों और जनजातियों की पूरी सूची संकलित करने का आदेश दिया जातियों और जनजातियों की पूरी सूची दो आदेशों के माध्यम से बनाई गई थी. संविधान का आदेश, 1950, और क्रमशः इसके अलावा, बी॰आर॰ अंबेडकर की नियुक्ति के माध्यम से स्वतंत्र भारत की समावेशिता की खोज हुई.
उल्लेखनीय है कि मुख्यधारा के समाज के साथ एससी और एसटी के एकीकरण में तेजी लाने के साधन के रूप में नौकरियों के आवंटन और उच्च शिक्षा तक पहुँच में सकारात्मक उपचार प्रदान करने और सकारात्मक कार्रवाई को लोकप्रिय रूप से आरक्षण के रूप में जाना जाता है. संविधान के अनुच्छेद 16 में कहा गया है कि इस अनुच्छेद में कुछ भी राज्य को नागरिकों के किसी भी पिछड़े वर्ग के पक्ष में नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए कोई प्रावधान करने से नहीं रोकेगा, जो कि राज्य की राय में, पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करता है.